Thursday, 9 July 2015

ताजमहल को प्यार की निशानी कहने वालों...
मुमताज का मकबरा कहने
वालों...
ध्यान से पढो...
ताजमहल किसी शाहजहाँ ने
नही बनवाया था।
सारी दुनिया अभी तक
इस धोखे में थी कि ताजमहल शाहजहाँ ने मुमताज के लिए बनवाया था।
पर professor ओक ने अपनी खोज में पाया कि ये ईमारत कोई
मकबरा नहीं है बल्कि एक प्राचीन शिव मंदिर है। जिसका नाम
तेजो महालय था।
जिसको शाहजहाँ ने महाराजा जय सिंह जी से अवैध रूप से छिन्
लिया था। और उसके बाद इससे तमाम ऐसी चीजे मिटा दी जिससे कि भविष्य में किसी को पता ना चले कि ये एक शिव मंदिर था।
और फिर शुरू की झूठी अफवाह कि शाहजहाँ ने कारीगरों के हाथ
कटवा दिए।
लेकिन सच छुपता नही छुपाने से...।
शाहजहाँ सभी सबूत नष्ट नही कर
पाया और अब धीरे धीरे इस झूठ से पर्दा उठ रहा है।
डॉ सुब्रमण्यम स्वामी जी ने ताजमहल को लेकर कोर्ट में केस
भी फ़ाइल् कियाहै। और अभी तक केस हम हिन्दुओ के पक्ष में है।
क्योंकि सबूत बोलते है कि ये ताजमहल तेजो महालय था। और जल्द ही पूरी दुनिया के सामने होगा यह सच कि दुनिया की सबसे खुबसुरत ईमारत मकबरा नहीं... एक शिव मंदिर है।
वहा पर गिरने वाली पानी की बुन्द मुमताज का आसु नहीं शिवलिंग पर गिरनेवाला कुदरती जलाभीषेक है।
भारत के इतिहास को बदला गया है।
(जिसे भी ये जानकारी अच्छी लगे शेयर करे)
जय महादेव
एक बार इसे भी पढ़ेँ...
१) मुमताज शाहजहाँ की चौथी बीवी थी...
२) शाहजहाँ ने मुमताज से शादी करने के लिए उसके पति का खून किया था...
३) १४ वे बच्चे को जन्म देते हुए मुमताज़ की मौत हुई थी...
४) मुमताज के मरने के बाद शाहजहाँ ने उसकी बहन से शादी कर ली...
इसमें प्रेम कहा है...?

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