Friday, 17 July 2015

विरोध नहीं ,शत्रुता है ये-------
विगत दिनों दो घटनाओं ने मष्तिष्क को झकझोर कर रख दिया। एक में मोदी के बंधे हाथों को छलपूर्वक दुआ मांगते हुए दिखाया गया। दूसरे में अमित शाह के वक्तव्य,"देश को विश्व में सर्वोच्च स्थान दिलाने में २५ वर्ष लगेंगे। " को सबसे पहले 'इकोनोमिक टाइम्स' ने विकृतकर छापा,'अच्छे दिन आने में २५ वर्ष लगेंगे।' दोनों ही घटनाओं में मोदी समर्थकों और जनता में भ्रम फ़ैलाने का शरारतपूर्ण षड्यंत्र दिखाई देता है। एक चैनल पर विद्रूप चर्चा में बार-बार अमित शाह के वक्तव्य का वास्तविक वीडिओ दिखाने के बाद भी जेडीयू और कांग्रेस के प्रवक्ता दुष्टता और धृष्टता पूर्वक अच्छे दिन की बांग लगाते रहे।
एक बार एक आदमी ने कहा," गाय का दूध सफ़ेद होता है। " उसके विरोधी ने कहा," नहीं काला होता है। "बात पंचायत तक जा पहुंची। दूसरे व्यक्ति से तीसरे व्यक्ति ने कहा," दूध तो सफ़ेद ही होता है ,पंचायत भी यही कहेगी।" उस व्यक्ति ने कहा,"कहने दो हम मानेंगे ही नहीं। " ये प्रसंग दुष्ट बुद्धियों पर सटीक है लेकिन पिछली दोनों घटनाओं की गंभीरता इससे कहीं अधिक है। झूठ का सहारा लेने वाले क्या कभी देश का भला कर सकते हैं? जिनके साधन ही अपवित्र हैं वे कभी देश का भला नहीं कर सकते। समाज को बरगलाकर सत्ता का सुख भोगने की आकांक्षा रखने वाले देश के शत्रु हैं।
मोदी का लोकतंत्र और लोकतान्त्रिक संस्थाओं के प्रति सदैव सम्मान का भाव इन अलोकतांत्रिक लुटेरों के लिए अजनबी है। स्वच्छता अभियान जयपुर देश की आवश्यकता है और पूरे देश की सहभागिता ही जिसे सफल बना सकती है ,ये स्वार्थान्ध उसका मखौल बनाने में लग गए। जो कभी देश को किसी भले काम की प्रेरणा नहीं देसके वे देश का अहित ही करेंगे। देश के शत्रु हैं ये।
प्रधानमंत्री द्वारा नीति आयोग की बैठक में देश के सभी मुख्यमंत्रियों को बुलाना देश के विकास में उनकी सहभागिता सुनिश्चित करना है। ये आँख के अंधे और गाँठ के पक्के उसका बहिष्कार कर क्या सन्देश देना चाहते हैं? क्या यह प्रधानमंत्री की सदाशयता और उनकी वैधानिक सर्वोच्चता की अवमानना नहीं है? क्या यह उन दुष्टबुद्धि मुख्यमंत्रियों की अपने प्रदेश और देश की विकास विरोधी सोच नहीं है।? क्या यह वहिष्कार संघीय ढांचे को कश्ती पौंछने वाला नहीं है? प्रधानमंत्री द्वारा बुलाये जाने पर आना सभी मुख्यमंत्रियों के लिए संवैधानिक बाध्यता होना चाहिए। प्रदेश की जनता किसी के विद्वेष पूर्ण दुराग्रह का शिकार होने के लिए नहीं छोड़ी जा सकती। वास्तविकता में ये विरोध नहीं ,शत्रुता भी नहीं ये देशद्रोह है। सभी देशभक्त शक्तियों से आग्रह है किसी भी घटना पर प्रतिक्रिया देने से पहले इन गद्दारों की धूर्तता पर अवश्य गौर करें। कहीं हम इनकी चालों में फंसकर वही न कर बैठें जो ये चाहते हैं।
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पेट की गैस के घरेलू उपचार
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उदर-वायु एक आम तथा कभी न कभी हर किसी को होने वाली समस्या है। पेट गैस को अधोवायु भी कहते हैं। यह तब होती है, जब शरीर में भारी मात्रा में गैस भर जाती है। इस पेट में रोकने से कई बीमारियां हो सकती हैं, जैसे एसिडिटी, कब्ज, पेटदर्द, सिरदर्द, जी मिचलाना, बेचैनी आदि। पेट में गैस बनने के कई कारण हो सकते हैं, जिसके बारे में हम यहां चर्चा कर रहे हैं।
कारण
* पेट में बैक्टीरिया की ‘ओवरप्रोड्क्शन’ होना।
* जिस आहार में बहुत ज्यादा फाइबर होता है।
* मिर्च-मसाला, तली-भुनी चीजें ज्यादा खाने से।
* पाचन संबंधी विकार।
* बींस, राजमा, छोल, लोबिया, मोठ, उड़द की दाल, फास्ट फूड, ब्रेड और किसी-किसी को दूध या भूख से ज्यादा खाने से।
* खाने के बाद कोल्ड ड्रिंक लेने से, क्योंकि इसमें गैसीय तत्व होते हैं।
* बासी खाना खाने से और खराब पानी पीने से भी गैस हो जाती है।
घरेलू उपचार
* भोजन के साथ सलाद के रूप में टमाटर का प्रतिदिन सेवन करना लाभप्रद होता है। यदि उस पर काला नमक डालकर खाया जाये तो लाभ अधिक मिलता है। पथरी के रोगी को कच्चे टमाटर का सेवन नहीं करना चाहिए।
* आधा चम्मच सूखा अदरक पाउडर लें और उसमें एक चुटकी हींग और सेंधा नमक मिलाकर एक कप गर्म पानी में डालकर पीएं।
* गैस के कारण सिरदर्द होने पर चाय में काली मिर्च पाउडर डालें। वही चाय पीने से लाभ मिलता है।
* 2 चम्मच ब्रैंडी को गर्म पानी में कप में डालकर रात को सोने से पहले पिएं।
* स्लाइस की हुई कुछ ताजा अदरक नींबू के रस में भिगोकर भोजन के बाद चूमने से राहत मिलेगी।
* पेट में या आंतों में एेंठन होने पर एक छोटा चम्मच अजवाइन में थोड़ा नमक मिलाकर गर्म पानी में लेने पर लाभ मिलता है। बच्चों को अजवाइन थोड़ी दें।
* भोजन के एक घंटे बाद 1 चम्मच काली मिर्च, 1 चम्मच सूखी अदरक और 1 चम्मच इलायची के दानों को आधा चम्मच पानी के साथ मिलाकर पिएं।
* वायु समस्या होने पर हरड़ के चूर्ण को शहद के साथ मिक्स कर खाना चाहिए।
* अजवायन, जीरा, छोटी हरड़ और काला नमक बराबर मात्रा में पीस लें। बड़ों के लिए दो से छह ग्राम, खाने के तुरन्त बाद पानी से लें। बच्चों के लिए मात्रा कम कर दें।
* अदरक के छोटे टुकड़े कर उस पर नमक छिड़ककर दिन में कई बार उसका सेवन करें। गैस परेशानी से छुटकारा मिलेगा, शरीर हल्का होगा और भूख खुलकर लगेगी।
योग
* वज्रासन : खाने के बाद घुटने मोड़कर बैठ जायें। दोनों हाथों को घुटनों पर रख लें। 5 से 15 मिनट तक करें।
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 206 में हमें सफलता मिल चुकी है 
हमारे देश को इतना अंग्रेजो ने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से बर्बाद नही किया जितना इन वामपंथियों ने किया है| बर्षो से वामपंथी CSIR जैसी संस्था में विदेशो के लिए काम करते आये है
परन्तु मोदी सरकार आने के बाद सिर्फ 11 महीनो में भारतीय संस्थान CSIR की Innovation Protection Unit ने भारतीय चिकित्सा पद्धति पर आधारित 1120 दवाओं की Patent Application को चरक संहिता और सुश्रुत संहिता जैसे 359 आयुर्वेदिक ग्रन्थों के आधार पर चुनौती दी है जिनको Colgate-Palmolive जैसी विदेशी कंपनियां पेटेंट कराना चाहती थी। जिसमे से 206 में हमें सफलता मिल चुकी है और बाकी का मामला अभी लम्बित है।
इन वामपंथियों को हर संस्था से ऐसे ही बहार निकाल देना चाहिए तभी तो देश के अच्छे दिन आयेगे ‪#‎AchheDin‬
स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ - वन्दे मातरम
India has cited ancient texts in foiling an attempt by US-based consumer goods giant Colgate-Palmolive to patent a mouthwash formula containing herb extracts....
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