हने से इस बैठक में शामिल नही हुए,क्योंकि इन चाटुकारों की इतालवी अम्मा के अनुसार ''योग दिवस'' से देश के सेकुलरिज्म को जो गहरी चोट मोदी जी ने पहुँचाई है..उसकी भरपाई अब हम सबको रोजा इफ्तार पार्टियों में जाकर करनी होगी !
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मोदी सरकार को अब दलाल #ABP न्यूज़ चैनल को धार्मिक भावनाओ को भड़काने के नाम पर आरोप लगा कर बंद करवा देना चाहिए....जिससे बाकि दलाल मिडिया वालो की अक्ल ठिकाने आ जाये !
ABP न्यूज़ पर बहस चल रही है कि मुम्बई में आंतकी हमले का मुख्य आरोपी याकूब मेमन मुसलमान है या आंतकी ?
वाकई अब पानी सर से उपर बह रहा है !
ABP न्यूज़ पर बहस चल रही है कि मुम्बई में आंतकी हमले का मुख्य आरोपी याकूब मेमन मुसलमान है या आंतकी ?
वाकई अब पानी सर से उपर बह रहा है !
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एबीपी न्यूज़ पर प्रोग्राम चल रहा है
याकूब आतंकवादी या मुसलमान ?खुद ये भांड प्रूफ कर रहा है की आतंकवादी मुसलमान ही होते हैं ।
याकूब आतंकवादी या मुसलमान ?खुद ये भांड प्रूफ कर रहा है की आतंकवादी मुसलमान ही होते हैं ।
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समाजवादी पार्टी खुलकर आई हाजी याकूब मेनन (मुम्बई धमाका मुखिया) के सपोर्ट में ।
सपा के महारास्ट्र के नेता अबू आज़मी ने बयान दिया है कि याकूब मेनन ने ऐसी कोई गलती नही की है कि उसे फाँसी पर लटकाया जाये । इससे पहले भी समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में आतंकियों पर से मुकदमे वापस लेने की गुहार कोर्ट में लगा चुकी है ।
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एनसीपी नेता माजिद मेनन ने बयान दिया है कि आतंकवादी याकूब मेनन को इसलिये जल्दी फाँसी दी जा रही है, क्योॆकि वो मुसलमान है । यह एक बहुत ही गैर जिम्मेदाराना बयान है, इस बयान से उन्होंने स्वंय ही आतंकवाद को धर्म से जोड़ दिया है, अगर ये काम कोई हिन्दु करे तो उसे साम्प्रदायिक कहा जाता है, अब इन्हें क्या कहा जाये.?
माजिद साहब 1993 में बम विस्फोट हुआ था ! आज 21 साल बाद सजा पर अमल होने जा रहा है ! आपको अभी भी जल्दबाजी दिखाई दे रही है ? एक आतंकी की पैरवी कर आप और आपकी पार्टी क्या साबित करना चाहती है ?
ये तो हमारी न्याय व्यवस्था की कमजोरी का फायदा उठाकर 21 साल निकाल लिए याकूब ने वर्ना अगर मेरे बस में होता तो तभी के तभी इस आतंकी को मुंबईकरो की भीड़ के हवाले कर दौड़ा दौड़ा कर कुत्ते की मौत मरवाता, यूँ फांसी की आसान मौत न देता !
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एक समय था जब अमेरिका एक जुट होकर संयुक्त राष्ट्र अमेरिका बन गया । और रूस भी संयुक्त सोभियत संघ बन गया "विश्व का सबसे बड़ा देश " सबसे बड़ी रेल लाइन और सबसे बड़ा ेत्रफल, अमेरिका पूँजीवाद के रास्ते पर था और रूस मार्क्सवाद के रास्ते
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र बना कर रक्षा के नाम पर विश्व में आई एम एफ , विश्व बैंक आदि बना कर अपनी पूँजी सुरक्षित की और वहीं रूस हथियार बेचकर अपनी जिविका चलाता था । हथियार का धंधा कुछ इस प्रकार से है एक किलो लोहे का दाम बहुत अधिक 50 रुपए तक होगा स्टील 150 तक पर वहीं इतने वजन की एक पिस्तौल की कीमत एक लाख से दस लाख आज भी है । इस धंधे में अमेरिका भी उतरा और यूरोप के अन्य देश भी ।
संयुक्त राष्ट्र के बाद देशों में युद्ध संभव नहीं था तो आतंकवाद उग्रवाद के माध्यम से गैर कानूनी तरीके से हथियार बेचे गए । लंबे समय तक यही सब चलता रहा और रूस का धंधा मंदी में आ गया और पैसों की आपूर्ति के कारण विद्रोह और आतंकवाद वहाँ भी आ गया । और देखते देखते रूस टूट गया इधर पूँजीवाद ताकतो ने अंतरराष्ट्रीय मार्केट में व्यापार खोल रखा था ।
संयुक्त राष्ट्र के बाद देशों में युद्ध संभव नहीं था तो आतंकवाद उग्रवाद के माध्यम से गैर कानूनी तरीके से हथियार बेचे गए । लंबे समय तक यही सब चलता रहा और रूस का धंधा मंदी में आ गया और पैसों की आपूर्ति के कारण विद्रोह और आतंकवाद वहाँ भी आ गया । और देखते देखते रूस टूट गया इधर पूँजीवाद ताकतो ने अंतरराष्ट्रीय मार्केट में व्यापार खोल रखा था ।
व्यापार का नियम है कुछ नवीन लाते रहिए चमक बनाते रहिए । इस कारण औद्योगिककरण हुआ फिर विद्युतीयकरण हुआ और अब डिजिटलियकरण हो रहा है । इन सब चीजों से मार्केट जिंदा रही । इस चीज पर मार्क्सवाद के देश चीन का कब्जा हुआ क्योंकि छोटी चीजे अमेरिका कभी नहीं बनाता । थोड़ा से विकसित हुए चीन ने अपनी नाजायज ताकत अपने पड़ोस के देशों पर दिखाना शुरू कर दिया
लोग परेशान होकर भी कुछ नहीं कर सकते थे ।
भारत के तख्ता पलटने के बाद सत्ता ने न केवल मित्रता का अभियान पूरे विश्व में फैलाया बल्कि वैश्विक मार्केट में अपना कदम भी बढ़ाया है । नतीजा चीन के शेयर बाजार से 200 लाख करोड़ रुपए निकल गए । चीन इस समय सदमेँ में है । और जल्द चीन इससे बाहर नहीं निकला तो वहाँ उद्योग धंधे बंद हो जाएगेँ । और चीन यूनान की तरह हो सकता है । पर चीन की मदद करेगा कौन ? यह एक बड़ा सवाल है ।
भारत के लिए आगे आने वाले कुछ दशक बहुत अच्छे होंगे । यह नीति चाचा नेहरू भी कर सकते थे इंदिरा भी और राजीव भी पर किस्मत मोदी के हाथ में थी ।
मोदी की विजय आपके हाथों में है । तो इस सब के लिए आपको धन्यवाद ।
मोदी की मुरीद में दीवानी हो गयी दुनियां, पर बौखलायें विरोधी
दुनियां झुकती है, उसे झुकाने वाला चाहिये। नरेन्द्र मोदी इस कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं। उनका जीवन दर्शन है, कुछ पाना चाहते हों, तो अपनी पूरी शक्ति और क्षमता उपलब्धि पाने के लिए झोंक दो। अपने जीवन का एक-एक क्षण लक्ष्य प्राप्ति ध्येय को समर्पित कर दो। यदि आपके पास सूझ-बूझ, विषय का गहन अध्ययन, दृढ़ता, प्रतिबद्धता और काम के प्रति ईमानदार दुष्टिकोण हो, तो हर बाजी आसानी से जीती जा सकती है। आप हर काम दिल लगा कर करते हैं, तो दिल से जो आवाज निकलती है, उसका असर बहुत गहरा होता है।
सम्भवतः इसीलिए वैश्विक मंचों पर मोदी जी निडर हो कर हिन्दी बोल रहे हैं। किसी का लिखा हुआ पढ़ने के बजाय वे अपने विचारों को बेबाक हो कर अभिव्यक्त कर रहे है। उनकी भाषण शैली की धाक से पूरी दुनियां कायल हो गयी है।
दुनियां झुकती है, उसे झुकाने वाला चाहिये। नरेन्द्र मोदी इस कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं। उनका जीवन दर्शन है, कुछ पाना चाहते हों, तो अपनी पूरी शक्ति और क्षमता उपलब्धि पाने के लिए झोंक दो। अपने जीवन का एक-एक क्षण लक्ष्य प्राप्ति ध्येय को समर्पित कर दो। यदि आपके पास सूझ-बूझ, विषय का गहन अध्ययन, दृढ़ता, प्रतिबद्धता और काम के प्रति ईमानदार दुष्टिकोण हो, तो हर बाजी आसानी से जीती जा सकती है। आप हर काम दिल लगा कर करते हैं, तो दिल से जो आवाज निकलती है, उसका असर बहुत गहरा होता है।
सम्भवतः इसीलिए वैश्विक मंचों पर मोदी जी निडर हो कर हिन्दी बोल रहे हैं। किसी का लिखा हुआ पढ़ने के बजाय वे अपने विचारों को बेबाक हो कर अभिव्यक्त कर रहे है। उनकी भाषण शैली की धाक से पूरी दुनियां कायल हो गयी है।
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