Thursday, 2 July 2015

हिंदु समाजको धर्म-परिवर्तन करनेका अहिंदुओंका सुनियोजित षड्यंत्र, उसके लिए उन्हें विदेशसे मिलनेवाली 
आर्थिक सहायता, धर्म-परिवर्तनकासामाजिक, सांस्कृतिक, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तरपर होनेवाला 
परिणाम इत्यादिके विषयमें इस लेखमें विस्तृत जानकारी दी गई है ।

१. आर्थिक

‘हिंदुस्थानियोंके धर्म-परिवर्तन हेतु पूरे विश्वसे प्रतिवर्ष लगभग १ लाख करोड रुपए व्यय किए जाते हैं ।’ 
– श्री. के.बी. शुरेंद्रन, भारतीय विचार केंद्र.

१ अ. ईसाईकृत धर्म-परिवर्तनके लिए मिलनेवाली विदेशी आर्थिक सहायता !

१ अ १. ‘वर्ष २००८ में केंद्रीय गृह मंत्रालयके प्रतिवेदनके अनुसार पादरियों, धर्मप्रचारकों एवं अन्य धार्मिक
 कार्य हेतु २ करोड १० लाख डॉलरकी (भारतीय मुद्राके अनुसार लगभग ९० करोड रुपयोंकी) विदेशीr 
सहायता मिलती है ।’ – श्री. पी.सी. डोंगरा, सेवानिवृत्त अधिकारी, भारतीय पुलिस सेवा.
१ अ २. ‘मार्च २००९ में केंद्रीय गृह मंत्रालयके प्रतिवेदनके अनुसार हिंदुस्थानमें धर्मप्रचारके लिए कुछ 
ईसाई स्वयंसेवी संस्थाओंको लाखों डॉलरकी (करोडों रुपयोंकी) विदेशी सहायता मिल रही है ।’
१ अ ३. ‘वर्ष २०११ में केंद्रीय गृह मंत्रालयके प्रतिवेदनके अनुसार इस दशकमें विदेशी संगठनोंकी ओर 
से २.५ अरब डॉलर (भारतीय मुद्रामें ११ सहस्र २५० करोड रुपए) की धनराशि ईसाई संगठनोंको मिली थी ।
१ अ ४. अमरीका, जर्मनी, ब्रिटेन, इटली और नीदरलैंड, ये पांच प्रमुख देश धर्म-परिवर्तनके लिए हिंदुस्थानमें 
धनराशि भेजत

१ आ. इस्लाम-प्रायोजित धर्म-परिवर्तनके लिए मिलनेवाली विदेशी धनराशि !

१ आ १. दमाम (सऊदी अरब) की ‘इंडियन फ्रेटर्निटी फोरम’ नामक संस्था धर्म-परिवर्तनके कार्यके लिए धन
 एकत्र करती है ।’
१ आ २. अरब राष्ट्रोंसे हिंदुस्थानमें धर्म-परिवर्तनके लिए धन आनेके माध्यम
‘सऊदी अरबसे, ‘वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रान्सफर’के माध्यमसे हवालाद्वारा (हवाला एक अवैध एवं अनौपचारिक
 धन-हस्तांतरणकी प्रणाली है । यह धन लेने-देने वाले दलालोंके एक बहुत बडे नेटवर्कके रूपमें काम करती है ।
 हवालाका पूरा काम इस नेटवर्कके ‘विश्वास’ एवं कार्यकुशलतापर आधारित होता है । हवालाका काम मुख्यतः 
मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका एवं दक्षिण एशियामें फैला हुआ है ।) धन आता है । हिंदुस्थानके कुछ आभूषण 
व्यापारियोंकी खाडीके देशोेंमें शाखाएं हैं । उनके द्वारा भी धनका स्थानांतरण किया जाता है । हज 
यात्रापर जानेवाले मुसलमान यात्रियोंके माध्यमसे भी धनका लेन-देन किया जाता है; क्योंकि हजयात्रासे 
लौटनेवाले विमान यात्रियोंकी कडी जांच-पडताल नहीं की जाती ।’

२. राष्ट्रीय

२ अ. प्रतिवर्ष ८ लाख हिंदुओंका धर्म-परिवर्तन होना

देशमें प्रतिवर्ष लगभग साढेतीन लाख हिंदुओंका इस्लामीकरण तथा साढेचार लाख हिंदुओंका ईसाईकरण 
किया जाता है, अर्थात् ८ लाख हिंदुओंका धर्म-परिवर्तन हो रहा है । वर्ष १९४७ की जनगणनासे आजकी
 जनसंख्याकी तुलना की जाए, तो ईसाइयोंकी जनसंख्या ५ गुना और मुसलमानोंकी जनसंख्या ८ गुना बढी है ।
 देशमें हिंदुओंका धर्म-परिवर्तन करनेके लिए लगभग १ लाख २० सहस्र इस्लामी और ३ लाख ईसाई 
धर्मप्रचारक प्रयास कर रहे हैं । – दैनिक ‘तरुण भारत’ (२०.११.१९९९)

२ आ. ईसाइयोंकी हिंदुओंके धर्मांतरण हेतु राष्ट्रव्यापी सिद्धता !

२ आ १. हिंदुस्थानमें धर्म-परिवर्तनका कार्य करनेवाले ईसाइयोंके धार्मिक दल !
‘१९९८ की ‘कैथोलिक डाइरेक्टरी’के अनुसार हिंदुस्थानमें १ लाख १९ सहस्र २५० मिशनरी, १५ सहस्र १०१
 ईसाई शिक्षण संस्थाएं एवं उसमें शिक्षा लेनेवाले ४७ लाख विद्यार्थी हैं । ईसाई इतने धर्मांतरण-कार्य 
हिंदुस्थानमें कर रहे हैं ।’
२ आ २. ‘हिंदुस्थानके ७५ सहस्र ‘पिन कोड’के स्थानोंपर ईसाइयोंने अपना ध्यान केंद्रित किया है ।
 – फादर जॉन्सन, अमरीका
२ आ ३. हिंदुओंका धर्म-परिवर्तन करनेके लिए हिंदुस्थानमें कार्यरत विविध चर्च एवं संगठन !
२ आ ३ अ. ऐडवेंटिस्ट चर्च
‘कनाडाके धर्मप्रसारक रॉन वैट १९९७ में हिंदुस्थान आए । उस समय ‘ऐडवेंटिस्ट चर्च’के २ लाख २५ सहस्र 
सदस्य थे । ५ वर्षोंमें यह संख्या ७ लाख हो गई । यह चर्च १० अथवा २५ गावोंका एक समूह बनाकर
 पास्टरके मार्गदर्शनमें धर्म-परिवर्तनका कार्य नियोजनबद्ध पद्धतिसे करता है । तत्पश्चात् स्थानीय कार्यकर्ता
 यह कार्य आगे बढाते हैं । वर्ष १९९८ में १० गावोंके १० समूहोंके माध्यमसे ९ सहस्र ३३७ हिंदुओंका धर्म-परिवर्तन
 हुआ । वर्ष १९९९ में ४० समूहोंके माध्यमसे ४० सहस्र हिंदुओंने बप्तिस्मा लिया ।
२ आ ३ आ. मरांथा वालिंटर्स
इस अमरीकी संगठनने हिंदुस्थानमें २०११ और २०१२, इन दो वर्षोंमें ७५० चर्च-निर्माणका लक्ष्य रखा है ।
२ आ ३ इ. किजार्ली : ‘ओरेगॉन’के इस संगठनने प्रतिदिन १ की दरसे १ सहस्र चर्च-निर्माणका लक्ष्य रखा है ।’ 
– फादर जॉन्सन, अमरीका
२ आ ३ ईअमरीकाकी ६७ ईसाई संस्थाएं : ‘लप्रसी मिशन’, ‘बाप्टिस्ट बाइबल फेलोशिप इंटरनैशनल’, 
‘दी बाइबल लीग’, ‘वल्र्ड विजन’, ‘ट्रान्स वल्र्ड रेडियो’ इत्यादि ६७ अमरीकी संस्थाएं हिंदुस्थानमें हिंदुओंको 
धर्मांतरित करनेका अबाधित कार्य कर रही हैं ।’ – मासिक ‘एकता’ (फरवरी २००५)

२ इ. हिंदुओंके इस्लामीकरणके लिए १९८६ से सक्रिय मुसलमानोंकी योजना !

१. ‘अशिक्षित, गंवार एवं निर्धन हिंदुओंको, विशेषतः पिछडे वर्गके हिंदुओंको प्रलोभन देकर इस्लाम धर्मीय बनाना
२. हिंदु स्त्रियोंसे विवाह करना एवं मुसलमानोंकी संख्या बढाना (इस षड्यंत्रद्वारा गत १५ वर्षोंमें लगभग ५
 लाख हिंदु स्त्रियोंका इस्लामीकरण किया गया । इस विषयमें विस्तृत विवेचन ‘हिंदु जनजागृति समिति’की
 ‘लव जिहाद’ नामक पुस्तिकामें किया गया है । – संकलनकर्ता)
३. सर्व भाषाओंमें इस्लामी साहित्यका प्रचार करना (इसी षड्यंत्रके एक भागके रूपमें आजकल उनके
 धर्मग्रंथकी प्रतियां सर्व भारतीय भाषाओंमें सर्वत्र निःशुल्क वितरित की जा रही हैं । – संकलनकर्ता)
४. पुरानी मस्जिदोंका नवीनीकरण करना और नई मस्जिदों एवं मदरसोंका निर्माण करना
५. देशमें विभिन्न स्थानोंपर इस्लाम धर्मियोंके अर्ंतराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करना’
– मासिक ‘समन्वय’ (मार्च-अप्रैल १९८६)
इस नियोजित षड्यंत्रका आज हम हिंदु प्रत्यक्ष रूपसे अनुभव कर रहे हैं ।

३. ईसाई और इस्लाम प्रायोजित धर्म-परिवर्तनकी राज्यवार भीषणता !

३ अ. उत्तर हिंदुस्थानके हिंदी भाषिक राज्योंमें

हिंदुओंका धर्म-परिवर्तन करनेके लिए जोशुआ प्रकल्प !

‘विश्वके सर्व समुदायोंमें चर्चकी घुसपैठ करवानेके लिए नियुक्त लोगों और संगठनोंकी सहायता करना,
 ‘जोशुआ परियोजना’का मुख्य कार्य है । जोशुआ परियोजनाने उत्तर हिंदुस्थानके हिंदी भाषी राज्योंपर
 अपना पूरा ध्यान केंद्रित किया है ।’ – फादर जॉन्सन, अमरीका

३ आ. पंजाबमें धर्म-परिवर्तनके कारण ईसाइयोंकी संख्यामें १ प्रतिशत तक बढना

‘सिख कट्टर पंथाभिमानी होनेके कारण लगभग १५० वर्ष ईसाई धर्मप्रचारक सिख पंथसे दूर थे; परंतु अब 
पंजाबमें ईसाई प्रचारक अत्यंत आक्रामकरूपसे धर्मप्रसार कर रहे हैं । परिणामस्वरूप स्वतंत्रता-प्राप्तिके 
समय जो ईसाई वहांकी जनसंख्यामें ०.१ प्रतिशतसे भी न्यून थे, अब १ प्रतिशत हो गए हैं ।’ 
– स्व. मिलिन्द गाडगीळ, वरिष्ठ युद्ध-पत्रकार, मुंबई.

३ इ. धर्म-परिवर्तनके कारण स्वतंत्रता पूर्व २००

ईसाईयुक्त नागभूमि (नागालैंड) देशका सर्वाधिक बडा ईसाई राज्य होना

१९४७ में नागभूमिमें केवल २०० ईसाई थे । अब वही नागभूमि देशका सर्वाधिक बडा ईसाई राज्य बन 
गया है । वर्ष २००१ की जनगणनाके अनुसार वहां ९०.०२ प्रतिशत अर्थात् १७ लाख ९० सहस्र ३४९ नागरिक 
ईसाई हैं । उनमेंसे ७५ प्रतिशतसे अधिक ईसाई ‘बैप्टिस्ट चर्चसे संबंधित होनेके कारण विश्वमें बप्तिस्तोंके 
(दीक्षागुरुओंके) एकमात्र प्रमुख राज्यके रूपमें उसकी ख्याति है । नागभूमिमें अब केवल ७.७ प्रतिशत हिंदु शेष हैं ।

३ ई. नागभूमिके पश्चात् दूसरा बडा ईसाई राज्य बना मिजोरम !

ईसाई मिशनरियोंके आक्रामक धर्मप्रचारके कारण मिजोरममें ९० प्रतिशतसे अधिक समाज ईसाई हो गया है । 
‘प्रेसबाइटेरियन’ वहांके ईसाई समाजका प्रमुख पंथ है । अन्य ईसाई चर्चोंका भी राज्यमें प्रभाव है ।

३ उ. हिंदुस्थानमें तीसरा ईसाईबहुल राज्य मेघालय !

स्वतंत्रताके उपरांत मेघालय राज्य भी ईसाईकृत धर्म-परिवर्तनोंके कारण ईसाईबहुल बन गया । 
२००१ की जनगणनाके अनुसार वहांकी जनसंख्यामें ईसाइयोंकी मात्रा ७०.३ प्रतिशत हो गई है । 
वहां हिंदुओेंकी जनसंख्या अब केवल १३.३ प्रतिशत है । मेघालयकी सर्व शासकीय समाजकल्याण योजना 
ईसाई संगठनोंके माध्यमसे चलाई जाती हैं ।

३ ऊ. ईसाई पाठशालाओंके माध्यमसे मणिपुरका ईसाईकरणकी ओर हो रहा मार्गक्रमण !

मणिपुर राज्यमें ईसाईकरण करना सुलभ हो, इस हेतु मिशनरियोंने ‘लिटल फ्लॉवर स्कूल’, ‘डॉन बॉस्को 
हाईस्कूल’, ‘सेंट जोसेप्âस कॉन्वेंट स्कूल’, ‘निर्मला बास हाईस्कूल’ इत्यादि ईसाई पाठशालाएं बीसवीं
 शताब्दीमें आरंभ कीं । इसीका परिणाम है कि मणिपुरमें ३४ प्रतिशत लोग ईसाई बन गए हैं ।
मइताय जमातके अधिकांश लोगोंने धर्म-परिवर्तन किया है । मणिपुरी भाषाके साहित्यमें केवल बाइबल और
 ईसाइयोंसे संबंधित पुस्तके हैं ।

३ ए. उडीसाका कंधमल नामक वनवासी-बहुल जनपद (जिला) ईसाई-बहुल होनेके मार्गपर !

‘उडीसा राज्यका कंधमल जनपद वनवासी-बहुल है । वर्तमानमें ६ लाख ४७ सहस्र जनसंख्यावाले कंधमलमें
 ईसाइयोंकी संख्या १ लाख ५० सहस्रसे अधिक है । वर्ष १९७१ में ईसाइयोंकी जनसंख्या ६ प्रतिशत थी, 
जो अब २७ प्रतिशत हो गई है । कंधमलकी जनसंख्यामें ८० प्रतिशत ‘कंध’ जनजातिके और २० प्रतिशत ‘पाना’
 जमातिके लोग हैं । कंध जनजाति सामाजिक और आर्थिक दृष्टिसे पिछडी हुई है; किंतु ‘पाना’ जमातिका
 बडी संख्यामें धर्मांतरण होनेके कारण, उनकी आर्थिक स्थिति उत्तम है । कंधमलमें धार्मिक वातावरण
 दूषित करनेमें ईसाई मिशनरियोंका ही हाथ है । वे यहांके धर्मांतरित वनवासियोंको आदेश देते हैं कि शेष 
वनवासी धर्मांतरण करें, इस हेतु उनपर बलप्रयोग करो । उसके अनुसार ये नव-ईसाई पूरी शक्तिसे शेष 
वनवासियोंपर आक्रमण करते हैं । धर्मांतरित ‘पाना’ जमाति इस कार्यके लिए माओवादियोंसे सहायता लेती है ।’

३ ऐ. गोवा राज्यमें ‘बिलिवर्स’ संगठनद्वारा सहस्रों हिंदुओंका धर्म-परिवर्तन !

‘गोवा राज्यके चिंबल और मेरशीकी झोपडपट्टियोंमें ‘बिलिवर्स’ नामक संगठनद्वारा १ सहस्रसे अधिक
 हिंदुओंका धर्मांतरण किया गया है । नवीन धर्मांतरित हिंदुओंको प्रतिमाह १ सहस्र ३७५ रुपए दिए जाते हैं ।’

३ ओ. आंध्रप्रदेशमें कांग्रेसके भूतपूर्व मुख्यमंत्रीकी

सहायतासे प्रतिमाह न्यूनतम १० सहस्र हिंदुओंका धर्मांतरण करना

‘ऐडवेंटिस्ट चर्च’ने आंध्रप्रदेश में धर्मांतरणके लिए १० गांवोंका एक और २५ गांवोंका एक, ऐसे गुट बनाकर 
ऐसे ५० गुटोंका चरण पूर्ण करनेका लक्ष्य राज्यके स्वर्गीय मुख्यमंत्री वाई.एस्. राजशेखर
रेड्डीके सहयोगसे रखा था । वहां प्रत्येक माहमें न्यूनतम १० सहस्र हिंदुओंका धर्मांतरण किया जाता है । 
अब प्रतिदिन ५ सहस्र हिंदुओंके धर्मांतरणका लक्ष्य निर्धारित किया गया है । आंध्रप्रदेशमें दिन-प्रतिदिन 
चर्चकी संख्या बढ रही है । तिरुपतिके समीप ही चर्च बनानेके प्रयास हैं ।’ – फादर जॉन्सन, अमरीका

३ ओै. केरलमें हिंदु समाप्त होनेके मार्गपर !

‘केरलमें १९०१ में हिंदुओंकी जनसंख्या ६८.३६ प्रतिशत थी, जो २००१ में ५६.२० प्रतिशत हो गई, अर्थात् 
१२.१६ प्रतिशत घट गई । इसके विपरीत, १९०१ में मुसलमानोंकी जनसंख्या १७.२८ प्रतिशत थी, जो २००१ में 
२४.७० प्रतिशत हो गई, अर्थात् ७.४२ प्रतिशत बढी । वहां १९०१ में ईसाइयोंकी जनसंख्या १३.८२ प्रतिशत 
थी, जो २००१ में १९.१० हो गई, अर्थात् ५.२८ प्रतिशत बढ गई ।’ – ‘केरलाथाईल हिंदु समूह नेरीदुना 
वेल्लूविलीकाल’ नामक संस्थाद्वारा किया गया सर्वेक्षण (गत १० वर्षमें यह परिस्थिति और भी भयानक हो गई है । – संकलनकर्ता)

३ अं. तमिलनाडुमें ईसाई संगठनोंद्वारा पैसेके बलपर ९७ सहस्र निर्धन हिंदुओंका धर्मांतरण !

‘तमिलनाडुमें ईसाई संगठन अमरीकासे आनेवाली धनराशिके बलपर हिंदुओंका धर्मांतरण कर रहे हैं । 
तमिल भाषी लोग दरिद्र हैं । उनकी आर्थिक सहायताके लिए ईसाई संगठन आगे आते हैं और उनका धर्मांतरण 
करते हैं । वर्ष २०१० तक ९७ सहस्र हिंदुओंको ईसाई बनाया गया ।’

३ क. अंडमान और निकोबार द्वीप समूहपर होनेवाला धर्म-परिवर्तन !

‘ईसाई मिशनरी केंद्रशासित प्रदेश अंडमान-निकोबार द्वीपपर दुर्गम क्षेत्रोंमें रहनेवाले लोगोंकी दरिद्रता, 
अज्ञानता एवं लाचारीका अनुचित लाभ उठाते हैं । वहांके सहस्रों आदिवासियोंका धर्मांतरण हो चुका है ।
 प्रत्येक द्वीपपर ८ से १० ईसाई नन समूहमें दिखाई देती हैं । वे श्वेत, नीले ऐसे विभिन्न रंगोंके पहनावेमें 
होती हैं । वर्तमानमें निकोबार द्वीप पूर्णतः ईसाई हो गया है ।’ – श्री. भास्कर नागरे, नई मुंबई.

४. अर्ंतराष्ट्रीय

४ अ. नेपालके धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बननेपर वहांके १० लाख हिंदुओंका ईसाइयोंद्वारा धर्मांतरण !

‘नेपालके धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बननेके पश्चात् वहांके कारागृहोंमें हिंदु बंदियोंके धर्म-परिवर्तनकी घटनाएं बढी हैं । 
नेपालमें जब राजतंत्र और ‘हिंदुराष्ट्र’का संविधान था, उस समय ईसाई धर्मका प्रचार करनेपर तथा हिंदुओंका
 धर्म-परिवर्तन करनेवाले ईसाई धर्मप्रचारकोंपर कार्यवाही होती थी । अब
नेपालमें ईसाई धर्म पैâल रहा है । ‘नेपालकी २ करोड ८० लाख जनसंख्यामें १० लाख ईसाई हैं’, यह अनुमान 
बिशप एंथोनी शर्माने व्यक्त किया है ।’

४ आ. अमरीकाद्वारा आश्रय प्रदान किए नेपाली वंशके निर्वासित

हिंदुओं की असहाय परिस्थितिका लाभ उठाकर उनका धर्मांतरण करनेवाले ईसाई !

‘वर्ष २००९ में भूटानसे निकाले गए नेपाली वंशके ६० सहस्र हिंदुओंको अमरीकाने आश्रय दिया । इन हिंदुओंका
 अमरीकाके ईसाई मिशनरियोंद्वारा धर्मांतरण किया जा रहा है । इसके लिए ईसाई मिशनरी भांद्रा राय नामक
 निर्वासित नेपाली हिंदुका उपयोग कर रही हैं, जो अब ईसाई बन गया है । उसकी सहायतासे नेपाली भाषामें 
ईसामसीहकी जानकारी देनेवाले कार्यक्रमोंका आयोजन किया जाता है ।’

४ इ. मलेशियामें कुल जनसंख्याके ७ प्रतिशत हिंदुओंका

धर्म-परिवर्तन करनेका षड्यंत्र रचनेवाला इस्लामी शासन और ईसाई मिशनरी !

४ इ १. मलेशियामें इस्लामी शासनद्वारा हिंदुओंपर अत्याचार होनेके कारण उनका धर्म-परिवर्तन 
तेजीसे होना
        ‘मानवाधिकारोंके लिए कार्यरत अमरीकाके हिंदु संगठनोंने मलेशियाके हिंदुओंपर हो रहे अत्याचारोंंके 
संबंधमें संयुक्त राष्ट्र संघको और अन्य अर्ंतराष्ट्रीय संगठनोंको आगे दिया प्रतिवेदन भेजा है –
१. मलेशियामें गत २५ वर्षोंमें १ लाख ३० सहस्र हिंदुओंका धर्म-परिवर्तन हुआ ।
२. वहां हिंदुओंको दि्वतीय श्रेणीके नागरिकोंका जीवन जीनेके लिए विवश किया जाता है ।
३. वहां उन्हें छोटे-मोटे अपराधोंके लिए भी कठोर दंड दिया जाता है ।
४. मलेशियामें वहांके दंडविधान अनुसार इस्लाम धर्म अपनाए बिना मुसलमान युवतियोंसे हिंदु विवाह नहीं 
कर सकते । किंतु, मुसलमानोंको हिंदु युवतियोंसे विवाह करनेकी पूरी छूट होनेके कारण वहां ३३ सहस्र हिंदु 
युवतियोंका विवाहद्वारा इस्लामीकरण किया गया है ।’
४ इ २. ‘वर्ष २००८ में ईसाई मिशनरियोंने आगामी ५ वर्षोंमें मलेशियामें रहनेवाले हिंदुओंकी कुल 
जनसंख्याके ७८ प्रतिशत हिंदुओंके धर्मांतरणकी योजना बनाई ।’
संदर्भ : हिंदू जनजागृति समिति’द्वारा समर्थित ग्रंथ ‘धर्म-परिवर्तन एवं धर्मांतरितोंका शुद्धिकरण’

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