Saturday 4 July 2015

पानी के नीचे रहकर दुश्मनों पर निगरानी वाला ड्रोन बनाया
संघर्ष से निकली अविष्कार की राह
पानी में दस मीटर नीचे रहकर, सेटेलाइट कनेक्टिविटी से दुश्मन की घुसपैठ पर साध सकेंगे निशाना
मेक इन इंडिया
एसके गुप्ता नई दिल्ली
देशमें पहला वाटरप्रूफ ड्रोन तैयार हो गया है। इसके पेटेंट को लेकर मध्यप्रदेश के दतिया स्थित रानीपुरा गांव के भूपेंद्र राजपूत ने आवेदन किया है। भूपेंद्र के पिता किसान हैं, जो कर्ज लेकर उसे पढ़ा रहे हैं। वह खुद दिल्ली में पेटेंट आवेदन के लिए कई दिनों तक रैन-बसेरे में रहा, क्योंकि उसकी जेब में इतने पैसे नहीं थे कि वह किसी होटल में ठहर सके।
भूपेंद्र का कहना है, च्वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बहुत प्रभावित है। जिन्होंने मेक इन इंडिया का नारा देते हुए इनोवेटिव सोच को पंख लगाए हैं। उनके इस संदेश से प्रेरणा पाकर मैंने देश की सैन्य शक्ति को बढ़ाने के लिए वाटरप्रूफ ड्रोन तैयार किया है। इसकी लागत मात्र दो लाख रुपए है। इसमें हाई रेज्युलेशन कैमरा, सेटेलाइट रिमोट सिस्टम और स्प्रिंग फोर्स के जरिए ड्रोन की क्षमता को कई गुणा बढ़ाकर रॉकेट और मिसाइल दागने की गति को हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक बढ़ा सकते हैं। इसमें लगी विंग को अलग-अलग दिशा में खोलने की तकनीक है, जिससे किसी भी दिशा में समुद्र के नीचे पानी में तैरते वाटर प्रूफ ड्रोन से हवा और पानी से मिसाइल या रॉकेट दागकर घुसपैठ करने वाले जहाज दुश्मन के ठिकानों पर हमला किया जा सकता है।ज् भूपेंद्र ने दिल्ली स्थित द्वारका सेक्टर 14 में आईपीआई (इंटलेक्चुअल प्रोपर्टी इंडिया) पेटेंट विभाग में रजिस्ट्रेशन कराया है।
क्या है ड्रोन में खास
अन्नायूनिवर्सिटी के वल्लम तंजावूर स्थित पीआर इंजीनियरिंग कॉलेज के इंजीनियरिंग के छात्र भूपेंद्र बताते हैं कि उन्होंने अपने ड्रोन का अविष्कार सेना को ध्यान में रखकर किया है। इस ड्रोन का वजन करीब 42 किलोग्राम का है, जो 230 सेंटीमीटर चौड़ा और 190 सेंटीमीटर लंबा है। ड्रोन पूरी तरह से कंप्यूटर ऑपरेटेड प्रणाली पर आधारित है। लक्ष्य भेदने के लिए ड्रोन में लगा कैमरा, फोटो खींचकर सेटेलाइट को सूचना देगा और वहां से ऑर्डर मिलते ही लक्ष्य भेदने के लिए मिसाइल, बम या रॉकेट को छोड़ा जा सकेगा। अगर जासूसी करने वाले देश के सेटेलाइट का खात्मा करना है तो स्प्रिंग फोर्स का सहारा लेकर यह लक्ष्य भी भेदा जा सकेगा।
ड्रॉन के मॉडल के साथ भूपेंद्र। फोटो: मंगल कुमार

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